अगर माता-पिता में से एक या दोनों श्वित्र से पीड़ित हों, तो उनकी संतानों में भी रोग उत्पन्न होने की आश्ंाका रहती है।
2.
رقم الحديث: 1880] अर्थः ” उस व्यक्ति की सत्यानाश हो, फिर उस व्यक्ति की सत्यानाश हो, फिर उस व्यक्ति की सत्यानाश हो, कहा गया, कौन? ऐ अल्लाह के रसूल! आप ने फरमायाः जो अपने माता-पिता में से एक या दोनों को बूढ़ापे की उम्र में पाये और जन्नत में दाखिस न हो सका।